Sunday, October 9, 2011

‘बिग बॉस’ के ‘घर’ से बेदखली पर भड़कीं निहिता बिश्‍वास, कहा- मेरे साथ धोखा हुआ


‘बिग बॉस’ के ‘घर’ से बेदखली पर भड़कीं निहिता बिश्‍वास, कहा- मेरे साथ धोखा हुआ

 

मुंबई. बिकनी किलर के तौर पर मशहूरचार्ल्‍स शोभराज की नेपाली पत्‍नी निहिता बिश्‍वास रियलिटी शो ‘बिग बॉस-5’ के ‘घर’ से निकाले जानी वाली पहली प्रतियोगी हैं। बिग बॉस के घर से बाहर होने की कतार में शामिल दो प्रतियोगियों में निहिता बिश्‍वास के अलावा मॉडल और वीजे पूजा मिश्रा थी। हालांकि पूजा मिश्रा को ‘घर’ से ‘बेदखली’ से बच गई लेकिन निहिता को बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया। र से बेदखल करने का फैसला सहीं नहीं है और यह पक्षपातपूर्ण है। बेघर हुई निहिता ने कहा, 'कुछ को छोड़कर बिग बॉस के सभी लोग बेहद अच्छे हैं। मैं अपने पति और खुद के बारे में लोगों में फैली गलतफहमी दूर करना चाहती थी। इसमें मैं कुछ हद तक सफल रही।'

निहिता ने कहा कि उन्‍हें घनिहिता को लगता है कि उसके साथ घोखा हुआ है। उन्‍होंने कहा, ‘मुझे अपना नाम सुनने के बाद आश्‍चर्य हुआ। मुझे यकीन है कि इस शो में पहले से ही सबकुछ तय था। नहीं तो मेरी जगह पर पूजा को बाहर निकलना चाहिए था।’  उन्होंने कहा, 'शो के दौरान यौन संबंधों को लेकर उठे सवाल मेरे लिए शॉकिंग थे। फिर भी मैंने हर सवाल का जवाब देने की कोशिश की। मैं चाहती हूं कि न्यूज एंकर मंदीप बेल्वी ही जीतें। वे सभी का सहयोग करती हैं। लेकिन पूजा बेदी और शक्ति कपूर भी दमदार प्रतिस्पर्धी हैं।' रियलिटी शो के पहले हफ्ते में निहिता की साथी प्रतियोगी श्रद्धा शर्मा से कहासुनी हुई थी। निहिता तीन साल पहले उस वक्‍त चर्चा में आई थीं जब उन्‍होंने काठमांडू जेल में बंद शोभराज से शादी की। निहिता ने दावा किया था कि उसे शोभराज से प्‍यार हो गया है। शो के दौरान मंदीप के इस सवाल पर कि क्‍या उसने शोभराज के साथ सेक्‍स किया है, निहिता ने कहा कि मंदीप ने सार्वजनिक मंच से ऐसे सवाल पूछे जाने पर माफी मांग ली है।  इस विवादित रियलटी शो में टीवी कलाकार अमर उपाध्याय की वाइल्ड कार्ड के जरिए इंट्री होगी। 12 महिलाओं और एक किन्नर के साथ फंसे शक्ति कपूर का साथ देने जल्द ही अमर उपाध्याय बिग बॉस के घर में होंगे। वाइल्ड कार्ड इंट्री अमर ने बताया कि बिग बॉस में चल रही राजनीति अंदर जाने के बाद ही पता चल सकेगी। वे किसी विशेष रणनीति के साथ घर में नहीं जाएंगे। यह निश्चित है कि उनकी इंट्री के बाद बिग बॉस के घर का माहौल गरमाएगा। 

Sunday, May 1, 2011

गद्दाफी हमले में बाल-बाल बचे, बेटे की मौत



त्रिपोली।

लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दापी उत्तर अटलांटिक संधि संगठन के हवाई हमले में बाल-बाल बच गए हैं लेकिन उनका सबसे छोटा बेटा और तीन पोते मारे गए हैं। लीबिया सरकार के प्रवक्ता मूसा इब्राहीम ने बताया कि शनिवार को नाटो के हवाई हमले में त्रिपोली में गद्दाफी का एक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस हमले मे उनके सबसे छोटे बेटे सैफ अल अरब औैर तीन पोतों की मौत हो गई है। इब्राहीम ने कहा, यह तो पूरी तरह जंगलराज है। हमें लगता है कि अब हर किसी को यह स्पष्ट हो गया है कि लीबिया में जो कुछ हो रहा है उसका आम लोगों के विरोध प्रदर्शन से कोई लेनादेना नहीं है। सैफ अल अरब 29 वर्ष के थे और उनकी पढाई लिखाई जर्मनी में हुई थी।

कम से कम तीन मिसाइलें दागी गई
हालांकि नाटो ने इस पर कोई त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है और न ही स्वतंत्र रूप से इस घटना की पुष्टि हो पायी है। लीबिया सरकार पत्रकारों को वह मकान दिखाने ले गई जिस पर कम से कम तीन मिसाइलें दागी गई हैं। विस्फोटों की आवाज पूरे शहर में सुनाई दी। मकान की छत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। हमले की खबर फैलते ही विद्रोहियों के दबदबे वाले पूर्वी बेनगाजी प्रांत की राजधानी में राइफलों से गोली चलने और कारों के हार्न की आवाज सुनाई देने लगी। इब्राहीम ने कहा, अगर हमें लडने पडे तो हम इसमें जरा भी संकोच नहीं करेंगे। हमारे नेता ने शांति कायम करने के लिए कल नाटो के साथ बातचीत की पेशकश की थी लेकिन इसे ठुकरा दिया गया।
खांडू की तलाश के लिए वायुसेना का अभियान शुरू

ईटानगर/शिलांग।

भारतीय वायुसेना ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू को लेकर शनिवार को रवाना हुए हेलीकॉप्टर की तलाश के लिए रविवार को दोबारा अभियान शुरू कर दिया। यह अभियान खराब मौसम के कारण रोक दिया गया था। भारतीय और भूटान की सेना ने भी उनकी खोज के लिए जमीनी अभियान शुरू किया है। शिलांग में वायुसेना की पूर्वी कमान के मुख्यालय के प्रवक्ता रंजीब साहू ने आईएएनएस को बताया, ‘‘लापता हेलीकॉप्टर की तलाश के लिए दो एमआई-17 और दो चेतक हेलीकॉप्टर रवाना किए गए हैं।’’ वायुसेना ने तलाशी अभियान रविवार सुबह शुरू किया। शनिवार को खराब मौसम के कारण यह अभियान रोक दिया गया था।

भूटान ने हेलीकॉप्टर के उतरने की बात से इंकार किया
वहीं भारतीय और भूटानी सेना ने खांडू की तलाश के लिए जमीनी अभियान शुरू किया है। पवन हंस कम्पनी का एएस 350 बी-3 हेलीकॉप्टर शनिवार को लापता हो गया था इसने सुबह 9.50 बजे तवांग से उड़ान भरी थी। हेलीकॉप्टर के पायलट से आखिरी सम्पर्क उड़ान भरने के 20 से 22 मिनट बाद हुआ था इस समय हेलीकॉप्टर चीन सीमा के निकट सेला दर्रा इलाके में था। संजय ने कहा, ‘‘हम नहीं जानते कि हेलीकॉप्टर इस समय कहां है और भूटान ने किसी भी हेलीकॉप्टर के उतरने की बात से इंकार किया है। इससे पहले खबर मिली थी कि मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर पूर्वी भूटान में किसी जगह पर उतरा है।’’

हेलीकॉप्टर को शनिवार 11.30 बजे प्रदेश की राजधानी में उतरना था। हेलीकॉप्टर में दो पायलट के अलावा मुख्यमंत्री, उनका सुरक्षा अधिकारी और मुख्यमंत्री की एक रिश्तेदार यासी लामू सवार थीं। संजय ने कहा, ‘‘गुवाहाटी और तेजपुर में भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर तलाशी अभियान शुरू करने के लिए इंतजार कर रहे हैं लेकिन प्रदेश में भारी बारिश के कारण अभियान में देरी हो रही है।’’ दो केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक और वी. नारायणस्वामी रविवार को तलाशी अभियान की निगरानी के लिए ईटानगर पहुंच गए। दोनों मंत्री प्रधानमंत्री के आदेश पर काम कर रहे हैं।

Wednesday, April 20, 2011

शांति भूषण पर स्‍टांप ड्यूटी चोरी का आरोप, नोटिस जारी

 
 
नई दिल्‍ली. जन लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने के लिए बनी समिति के सह अध्‍यक्ष शांति भूषण के पाक-साफ होने पर उठ रहे सवाल और गहरा गए हैं। वह चौतरफा घिर रहे हैं और समिति से उनके इस्‍तीफे की मांग उठने लगी है। शांति भूषण पर इलाहाबाद में करोड़ों के प्‍लॉट की खरीद में स्‍टांप ड्यूटी चोरी का आरोप है और इस मामले में उन्‍हें नोटिस भी जारी किया गया है। इसी बीच, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार द्वारा लोकपाल बिल का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बनाई गई कमेटी को लेकर भारत के अटार्नी जनरल को भी नोटिस जारी किया है।  



शांति और उनके बेटे जयंत भूषण ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से 7 करोड़ रुपये के दो फार्महाउस बाजार दर से करीब चौथाई कीमत में ही हासिल कर लिए हैं। उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री मायावती ने विवेकाधीन कोटे से दोनों पिता-पुत्र के नाम ये फार्महाउस अलॉट किए हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण से मांग की है कि वे जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार कर रही कमेटी से इस्तीफा दें। 

शांति भूषण ने पिछले सप्‍ताह अपनी संपत्ति की घोषणा करते हुए बताया कि नोएडा में 10 हजार वर्ग मीटर का खेती लायक एक प्‍लॉट उनके पास है। लेकिन अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्‍सप्रेस' के मुताबिक उन्‍होंने यह नहीं बताया कि यह जमीन उत्‍तर प्रदेश की मायावती सरकार ने विवेकाधीन कोटे से उन्‍हें अलॉट की थी। यही नहीं, सरकार ने उनके वकील बेटे जयंत भूषण को 10 हजार वर्गमीटर का एक और फार्महाउस अलॉट किया। जयंत नोएडा पार्क मामले में अदालत में मायावती सरकार के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। उन्‍होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में इन खबरों को 'बकवास' करार दिया है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।



यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि सरकार द्वारा विवेकाधीन कोटे से किसी को जमीन का आवंटन करने का मसला भ्रष्‍टाचार पर बने मंत्रियों के समूह (जीओएम) के एजेंडे में अहम मुद्दा है। दरअसल नोएडा में इस जमीन के आवंटन का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है। यह मुकदमा एक अन्‍य आवंटी पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह की ओर से दायर किया गया है। इन्‍होंने इन आवंटनों को रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उन्‍हें बतौर 'सजा' इस फार्महाउस का 'खराब' हिस्‍सा आवंटित किया गया। इसके बाद उन्‍होंने इस फार्महाउस के आवंटन के तरीके को लेकर कई बार शिकायतें की हैं।

विकास सिंह के मुताबिक हर फार्महाउस की कीमत साढ़े तीन करोड़ रुपये है और आवंटियों को आवंटन के समय इसका महज 10 फीसदी यानी 35 लाख रुपये देने थे। बाकी रकम 16 किश्‍तों में देनी थी।

लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली संयुक्‍त समि‍ति में शामिल सिविल सोसायटी के नुमाइंदों ने हाल में अपनी संपत्ति का ब्‍यौरा सार्वजनिक किया था। समिति की पहली बैठक से पहले ही शांति भूषण विवादों में आ गए जब उनकी एक कथित सीडी सामने आई। सिविल सोसायटी के सदस्‍यों का आरोप है कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।

Wednesday, April 13, 2011

अन्ना से साथी हुए नाराज, नेताओं की बढ़ी उम्मीद

 
 
नई दिल्ली. लोकपाल बिल को मजबूत बनाने और उसे तैयार करने के लिए बनाई गई समिति में जनता के नुमाइंदे शामिल करने के लिए केंद्र को अनशन के जरिए मजबूर करने वाले अन्ना हजारे से इनदिनों हर पार्टी और विचारधारा के लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं। जो काम राजनीतिक पार्टियों को खुद करना चाहिए, उसके लिए ये पार्टियां 72 साल के अन्ना हजारे से गुजारिश कर रही हैं। लेकिन गुजरात में ग्राम्य विकास के लिए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करना हजारे के सहयोगियों और समर्थकों को नागवार गुजर रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, अरुणा रॉय, संदीप पांडे और कविता श्रीवास्तव ने एक साझा बयान जारी कर हजारे द्वारा मोदी की तारीफ किए जाने की आलोचना की है। बयान में कहा गया है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और मंजूर करने लायक नहीं है।
यह बयान नेशनल अलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट (एनएपीएम) नाम के संगठन की ओर से जारी किया गया है। 

सामाजिक कार्यकर्ताओं के निशाने पर आए अन्ना हजारे ने एक ताज़ा बयान में कहा है कि उनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं और वे इस मामले में कोई पार्टी नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि उनका अभियान सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ है। हजारे ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह सफाई दी है।

लेकिन अन्ना की सफाई गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ताओं के गले उतरती नहीं दिख रही है।  बड़ौदा के सामाजिक कार्यकर्ता रोहित प्रजापति और तृप्ति शाह ने अन्ना की इस सफाई पर कहा है, 'गुजरात की गरीब जनता का सच 11 अप्रैल को लिखी गई हमारी चिट्ठी से उजागर होता है। आप से गुजारिश है कि इसे पढ़िए। आपकी सफाई सिर्फ सांप्रदायिक सौहार्द और राजनीति को लेकर है, लेकिन हमारी चिट्ठी में यह मुद्दा है ही नहीं। आप या तो खुद गुजरात आइए या फिर जो लोग राज्य में बदतर ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं, उन्हें बुलाइए।' 

वहीं, जन लोकपाल बिल पर अन्ना के समर्थन में अनशन पर बैठने वाली मल्लिका साराभाई ने भी मोदी की तारीफ करने पर हजारे की आलोचना की है। मल्लिका साराभाई की आलोचना के जवाब में अन्ना ने कहा, मुझसे नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के विकास के काम को लेकर सवाल पूछा गया था। मीडिया में आई खबरों के हवाले से मैंने कहा कि गुजरात और बिहार में ग्रामीण विकास के मोर्च पर अच्छा काम हुआ है। लेकिन मल्लिका साराभाई हजारे के इस जवाब से सहमत नहीं दिखती हैं। साराभाई ने कहा कि हजारे के इस जवाब से साफ है कि वे नरेंद्र मोदी के प्रचार तंत्र से परे हटकर नहीं देख पा रहे हैं।

'नक्सली समस्या हल करने के लिए आगे आएं हजारे'
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक जनसभा में शामिल होने पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि वे अन्ना हजारे से गुजारिश करेंगे कि वे नक्सली समस्या के समाधान के लिए आगे आएं। उन्होंने यह भी कहा है कि छत्तीसगढ़ के मौजूदा हालात को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे अन्ना हजारे को सौंपा जाएगा। दिल्ली के अपने हालिया तजुर्बे के बारे में जिक्र करते हुए अग्निवेश ने कहा कि अहिंसा का रास्ता अपनाने की वजह से अभियान जन आंदोलन में तब्दील हो गया। उन्होंने कहा, 'शांति बहाली के लिए मैं नक्सलियों और सरकार के बीच मध्यस्थ का काम करने को तैयार हैं। लेकिन शांति बहाली को लेकर अपनी गंभीरता को साबित करने के लिए नक्सलियों को 6-12 महीनों तक हथियार छोड़ने होंगे। इस बीच हम सरकार पर दबाव बना सकते हैं।' अग्निवेश भ्रष्टाचार के खिलाफ हजारे के अभियान का अहम हिस्सा हैं। 
मायावती के खिलाफ आंदोलन करें अन्ना, चाहती हैं सियासी पार्टियां
केंद्र की सत्ता में मौजूद कांग्रेस चाहती है कि अन्ना हजारे उत्तर प्रदेश में अपने आंदोलन की शुरुआत करें। पार्टी ने उत्तर प्रदेश को सबसे भ्रष्ट राज्य बताते हुए हजारे से कहा है कि अगर वह राज्यों से भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की शुरू कर रहे हैं तो वे इसकी शुरुआत यूपी से करें। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश ईकाई की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूपी में मानवाधिकार के उल्लंघन के सबसे ज़्यादा मामले हैं और यहां सबसे भ्रष्ट तंत्र है।
 
वहीं, मायावती के धुर विरोधी मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी भी अन्ना हजारे से उम्मीद लगाए बैठे है। पार्टी ने अन्ना हजारे से गुजारिश की है कि वे खुद उत्तर प्रदेश आएं और मायावती के भ्रष्टाचार को अपनी आंखों से देखें। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। नक्सलियों से कथित तौर पर सहानुभूति रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश भी चाहते हैं कि अन्ना हजारे नक्सली समस्या का हल खोजें। छत्तीसगढ़ के बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर में करीब 6,500 आदिवासियों की जनसभा में शामिल होने के लिए पहुंचे स्वामी अग्निवेश ने कहा, 'माओवाद के फैलने की वजहों में भ्रष्टाचार एक अहम कारक है और हम अन्ना हजारे से इस मुद्दे पर बात करेंगे।' उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मौजूदा हालात पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे अन्ना हजारे के साथ साझा किया जाएगा। अग्निवेश ने कहा कि वे चाहेंगे कि अन्ना हजारे नक्सली समस्या का हल खोजने में अपना योगदान दें। 

भ्रष्टाचार के खिलाफ जबर्दस्त जनसमर्थन हासिल करने वाले अन्ना हजारे को राजनीतिक पार्टियां अपने सियासी मकसद के लिए ही इस्तेमाल करना चाहती हैं। क्योंकि एक तरफ तो पार्टियां उन्हें उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने की अपील कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर वे अन्ना हजारे की आलोचना करने में भी पीछे नहीं हैं। कांग्रेस चाहती है कि यूपी में मायावती सरकार के खिलाफ अन्ना हजारे आंदोलन करें, लेकिन भ्रष्टाचार में नेताओं के शामिल होने के बयान को लेकर कांग्रेस हजारे को निशाने पर लेने से नहीं चूकी है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसकी जांच होना चाहिए कि आंदोलन का खर्च किसने उठाया। उन्होंने हजारे पर निशाना साधते हुए कि चुनाव हर उस आदमी को लडऩा चाहिए जो राजनेताओं को गाली देता है। जबकि केंद्र में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी अन्ना पर हमला करने का मौका नहीं गंवाया है। भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मंगलवार को अपने ब्लॉग में लिखा कि देश में बहुत से ईमानदार और समझदार नेता मौजूद हैं। हर नेता को भ्रष्ट करार देना लोकतंत्र की अवमानना है। जो लोग राजनीति और राजनेताओं के खिलाफ घृणा का माहौल बना रहे हैं, वे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं, बीजेपी की मध्य प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष प्रभात झा ने अन्ना के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि वे ईमानदारी का विश्वविद्यालय नहीं चलाते। राजनेताओं को उनके प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।