Wednesday, April 20, 2011

शांति भूषण पर स्‍टांप ड्यूटी चोरी का आरोप, नोटिस जारी

 
 
नई दिल्‍ली. जन लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने के लिए बनी समिति के सह अध्‍यक्ष शांति भूषण के पाक-साफ होने पर उठ रहे सवाल और गहरा गए हैं। वह चौतरफा घिर रहे हैं और समिति से उनके इस्‍तीफे की मांग उठने लगी है। शांति भूषण पर इलाहाबाद में करोड़ों के प्‍लॉट की खरीद में स्‍टांप ड्यूटी चोरी का आरोप है और इस मामले में उन्‍हें नोटिस भी जारी किया गया है। इसी बीच, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार द्वारा लोकपाल बिल का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बनाई गई कमेटी को लेकर भारत के अटार्नी जनरल को भी नोटिस जारी किया है।  



शांति और उनके बेटे जयंत भूषण ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से 7 करोड़ रुपये के दो फार्महाउस बाजार दर से करीब चौथाई कीमत में ही हासिल कर लिए हैं। उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री मायावती ने विवेकाधीन कोटे से दोनों पिता-पुत्र के नाम ये फार्महाउस अलॉट किए हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण से मांग की है कि वे जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार कर रही कमेटी से इस्तीफा दें। 

शांति भूषण ने पिछले सप्‍ताह अपनी संपत्ति की घोषणा करते हुए बताया कि नोएडा में 10 हजार वर्ग मीटर का खेती लायक एक प्‍लॉट उनके पास है। लेकिन अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्‍सप्रेस' के मुताबिक उन्‍होंने यह नहीं बताया कि यह जमीन उत्‍तर प्रदेश की मायावती सरकार ने विवेकाधीन कोटे से उन्‍हें अलॉट की थी। यही नहीं, सरकार ने उनके वकील बेटे जयंत भूषण को 10 हजार वर्गमीटर का एक और फार्महाउस अलॉट किया। जयंत नोएडा पार्क मामले में अदालत में मायावती सरकार के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। उन्‍होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में इन खबरों को 'बकवास' करार दिया है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।



यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि सरकार द्वारा विवेकाधीन कोटे से किसी को जमीन का आवंटन करने का मसला भ्रष्‍टाचार पर बने मंत्रियों के समूह (जीओएम) के एजेंडे में अहम मुद्दा है। दरअसल नोएडा में इस जमीन के आवंटन का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है। यह मुकदमा एक अन्‍य आवंटी पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह की ओर से दायर किया गया है। इन्‍होंने इन आवंटनों को रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उन्‍हें बतौर 'सजा' इस फार्महाउस का 'खराब' हिस्‍सा आवंटित किया गया। इसके बाद उन्‍होंने इस फार्महाउस के आवंटन के तरीके को लेकर कई बार शिकायतें की हैं।

विकास सिंह के मुताबिक हर फार्महाउस की कीमत साढ़े तीन करोड़ रुपये है और आवंटियों को आवंटन के समय इसका महज 10 फीसदी यानी 35 लाख रुपये देने थे। बाकी रकम 16 किश्‍तों में देनी थी।

लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली संयुक्‍त समि‍ति में शामिल सिविल सोसायटी के नुमाइंदों ने हाल में अपनी संपत्ति का ब्‍यौरा सार्वजनिक किया था। समिति की पहली बैठक से पहले ही शांति भूषण विवादों में आ गए जब उनकी एक कथित सीडी सामने आई। सिविल सोसायटी के सदस्‍यों का आरोप है कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।

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