Wednesday, April 20, 2011

शांति भूषण पर स्‍टांप ड्यूटी चोरी का आरोप, नोटिस जारी

 
 
नई दिल्‍ली. जन लोकपाल बिल ड्राफ्ट करने के लिए बनी समिति के सह अध्‍यक्ष शांति भूषण के पाक-साफ होने पर उठ रहे सवाल और गहरा गए हैं। वह चौतरफा घिर रहे हैं और समिति से उनके इस्‍तीफे की मांग उठने लगी है। शांति भूषण पर इलाहाबाद में करोड़ों के प्‍लॉट की खरीद में स्‍टांप ड्यूटी चोरी का आरोप है और इस मामले में उन्‍हें नोटिस भी जारी किया गया है। इसी बीच, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार द्वारा लोकपाल बिल का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बनाई गई कमेटी को लेकर भारत के अटार्नी जनरल को भी नोटिस जारी किया है।  



शांति और उनके बेटे जयंत भूषण ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से 7 करोड़ रुपये के दो फार्महाउस बाजार दर से करीब चौथाई कीमत में ही हासिल कर लिए हैं। उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री मायावती ने विवेकाधीन कोटे से दोनों पिता-पुत्र के नाम ये फार्महाउस अलॉट किए हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण से मांग की है कि वे जन लोकपाल बिल का मसौदा तैयार कर रही कमेटी से इस्तीफा दें। 

शांति भूषण ने पिछले सप्‍ताह अपनी संपत्ति की घोषणा करते हुए बताया कि नोएडा में 10 हजार वर्ग मीटर का खेती लायक एक प्‍लॉट उनके पास है। लेकिन अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्‍सप्रेस' के मुताबिक उन्‍होंने यह नहीं बताया कि यह जमीन उत्‍तर प्रदेश की मायावती सरकार ने विवेकाधीन कोटे से उन्‍हें अलॉट की थी। यही नहीं, सरकार ने उनके वकील बेटे जयंत भूषण को 10 हजार वर्गमीटर का एक और फार्महाउस अलॉट किया। जयंत नोएडा पार्क मामले में अदालत में मायावती सरकार के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। उन्‍होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में इन खबरों को 'बकवास' करार दिया है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।



यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि सरकार द्वारा विवेकाधीन कोटे से किसी को जमीन का आवंटन करने का मसला भ्रष्‍टाचार पर बने मंत्रियों के समूह (जीओएम) के एजेंडे में अहम मुद्दा है। दरअसल नोएडा में इस जमीन के आवंटन का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है। यह मुकदमा एक अन्‍य आवंटी पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह की ओर से दायर किया गया है। इन्‍होंने इन आवंटनों को रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उन्‍हें बतौर 'सजा' इस फार्महाउस का 'खराब' हिस्‍सा आवंटित किया गया। इसके बाद उन्‍होंने इस फार्महाउस के आवंटन के तरीके को लेकर कई बार शिकायतें की हैं।

विकास सिंह के मुताबिक हर फार्महाउस की कीमत साढ़े तीन करोड़ रुपये है और आवंटियों को आवंटन के समय इसका महज 10 फीसदी यानी 35 लाख रुपये देने थे। बाकी रकम 16 किश्‍तों में देनी थी।

लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली संयुक्‍त समि‍ति में शामिल सिविल सोसायटी के नुमाइंदों ने हाल में अपनी संपत्ति का ब्‍यौरा सार्वजनिक किया था। समिति की पहली बैठक से पहले ही शांति भूषण विवादों में आ गए जब उनकी एक कथित सीडी सामने आई। सिविल सोसायटी के सदस्‍यों का आरोप है कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।

Wednesday, April 13, 2011

अन्ना से साथी हुए नाराज, नेताओं की बढ़ी उम्मीद

 
 
नई दिल्ली. लोकपाल बिल को मजबूत बनाने और उसे तैयार करने के लिए बनाई गई समिति में जनता के नुमाइंदे शामिल करने के लिए केंद्र को अनशन के जरिए मजबूर करने वाले अन्ना हजारे से इनदिनों हर पार्टी और विचारधारा के लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं। जो काम राजनीतिक पार्टियों को खुद करना चाहिए, उसके लिए ये पार्टियां 72 साल के अन्ना हजारे से गुजारिश कर रही हैं। लेकिन गुजरात में ग्राम्य विकास के लिए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करना हजारे के सहयोगियों और समर्थकों को नागवार गुजर रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, अरुणा रॉय, संदीप पांडे और कविता श्रीवास्तव ने एक साझा बयान जारी कर हजारे द्वारा मोदी की तारीफ किए जाने की आलोचना की है। बयान में कहा गया है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और मंजूर करने लायक नहीं है।
यह बयान नेशनल अलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट (एनएपीएम) नाम के संगठन की ओर से जारी किया गया है। 

सामाजिक कार्यकर्ताओं के निशाने पर आए अन्ना हजारे ने एक ताज़ा बयान में कहा है कि उनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं और वे इस मामले में कोई पार्टी नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि उनका अभियान सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ है। हजारे ने एक विज्ञप्ति जारी कर यह सफाई दी है।

लेकिन अन्ना की सफाई गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ताओं के गले उतरती नहीं दिख रही है।  बड़ौदा के सामाजिक कार्यकर्ता रोहित प्रजापति और तृप्ति शाह ने अन्ना की इस सफाई पर कहा है, 'गुजरात की गरीब जनता का सच 11 अप्रैल को लिखी गई हमारी चिट्ठी से उजागर होता है। आप से गुजारिश है कि इसे पढ़िए। आपकी सफाई सिर्फ सांप्रदायिक सौहार्द और राजनीति को लेकर है, लेकिन हमारी चिट्ठी में यह मुद्दा है ही नहीं। आप या तो खुद गुजरात आइए या फिर जो लोग राज्य में बदतर ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं, उन्हें बुलाइए।' 

वहीं, जन लोकपाल बिल पर अन्ना के समर्थन में अनशन पर बैठने वाली मल्लिका साराभाई ने भी मोदी की तारीफ करने पर हजारे की आलोचना की है। मल्लिका साराभाई की आलोचना के जवाब में अन्ना ने कहा, मुझसे नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के विकास के काम को लेकर सवाल पूछा गया था। मीडिया में आई खबरों के हवाले से मैंने कहा कि गुजरात और बिहार में ग्रामीण विकास के मोर्च पर अच्छा काम हुआ है। लेकिन मल्लिका साराभाई हजारे के इस जवाब से सहमत नहीं दिखती हैं। साराभाई ने कहा कि हजारे के इस जवाब से साफ है कि वे नरेंद्र मोदी के प्रचार तंत्र से परे हटकर नहीं देख पा रहे हैं।

'नक्सली समस्या हल करने के लिए आगे आएं हजारे'
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक जनसभा में शामिल होने पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि वे अन्ना हजारे से गुजारिश करेंगे कि वे नक्सली समस्या के समाधान के लिए आगे आएं। उन्होंने यह भी कहा है कि छत्तीसगढ़ के मौजूदा हालात को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे अन्ना हजारे को सौंपा जाएगा। दिल्ली के अपने हालिया तजुर्बे के बारे में जिक्र करते हुए अग्निवेश ने कहा कि अहिंसा का रास्ता अपनाने की वजह से अभियान जन आंदोलन में तब्दील हो गया। उन्होंने कहा, 'शांति बहाली के लिए मैं नक्सलियों और सरकार के बीच मध्यस्थ का काम करने को तैयार हैं। लेकिन शांति बहाली को लेकर अपनी गंभीरता को साबित करने के लिए नक्सलियों को 6-12 महीनों तक हथियार छोड़ने होंगे। इस बीच हम सरकार पर दबाव बना सकते हैं।' अग्निवेश भ्रष्टाचार के खिलाफ हजारे के अभियान का अहम हिस्सा हैं। 
मायावती के खिलाफ आंदोलन करें अन्ना, चाहती हैं सियासी पार्टियां
केंद्र की सत्ता में मौजूद कांग्रेस चाहती है कि अन्ना हजारे उत्तर प्रदेश में अपने आंदोलन की शुरुआत करें। पार्टी ने उत्तर प्रदेश को सबसे भ्रष्ट राज्य बताते हुए हजारे से कहा है कि अगर वह राज्यों से भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की शुरू कर रहे हैं तो वे इसकी शुरुआत यूपी से करें। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश ईकाई की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूपी में मानवाधिकार के उल्लंघन के सबसे ज़्यादा मामले हैं और यहां सबसे भ्रष्ट तंत्र है।
 
वहीं, मायावती के धुर विरोधी मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी भी अन्ना हजारे से उम्मीद लगाए बैठे है। पार्टी ने अन्ना हजारे से गुजारिश की है कि वे खुद उत्तर प्रदेश आएं और मायावती के भ्रष्टाचार को अपनी आंखों से देखें। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। नक्सलियों से कथित तौर पर सहानुभूति रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश भी चाहते हैं कि अन्ना हजारे नक्सली समस्या का हल खोजें। छत्तीसगढ़ के बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर में करीब 6,500 आदिवासियों की जनसभा में शामिल होने के लिए पहुंचे स्वामी अग्निवेश ने कहा, 'माओवाद के फैलने की वजहों में भ्रष्टाचार एक अहम कारक है और हम अन्ना हजारे से इस मुद्दे पर बात करेंगे।' उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मौजूदा हालात पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे अन्ना हजारे के साथ साझा किया जाएगा। अग्निवेश ने कहा कि वे चाहेंगे कि अन्ना हजारे नक्सली समस्या का हल खोजने में अपना योगदान दें। 

भ्रष्टाचार के खिलाफ जबर्दस्त जनसमर्थन हासिल करने वाले अन्ना हजारे को राजनीतिक पार्टियां अपने सियासी मकसद के लिए ही इस्तेमाल करना चाहती हैं। क्योंकि एक तरफ तो पार्टियां उन्हें उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने की अपील कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर वे अन्ना हजारे की आलोचना करने में भी पीछे नहीं हैं। कांग्रेस चाहती है कि यूपी में मायावती सरकार के खिलाफ अन्ना हजारे आंदोलन करें, लेकिन भ्रष्टाचार में नेताओं के शामिल होने के बयान को लेकर कांग्रेस हजारे को निशाने पर लेने से नहीं चूकी है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसकी जांच होना चाहिए कि आंदोलन का खर्च किसने उठाया। उन्होंने हजारे पर निशाना साधते हुए कि चुनाव हर उस आदमी को लडऩा चाहिए जो राजनेताओं को गाली देता है। जबकि केंद्र में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी अन्ना पर हमला करने का मौका नहीं गंवाया है। भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मंगलवार को अपने ब्लॉग में लिखा कि देश में बहुत से ईमानदार और समझदार नेता मौजूद हैं। हर नेता को भ्रष्ट करार देना लोकतंत्र की अवमानना है। जो लोग राजनीति और राजनेताओं के खिलाफ घृणा का माहौल बना रहे हैं, वे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं, बीजेपी की मध्य प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष प्रभात झा ने अन्ना के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि वे ईमानदारी का विश्वविद्यालय नहीं चलाते। राजनेताओं को उनके प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।

Monday, April 4, 2011


राडिया ने लगाए टेप से छेड़छाड़ के आरोप तो टाटा ने कहा, टेप में उनकी ही आवाज


नई दिल्ली।  2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया और उद्योगपति व टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा की सोमवार को पेश हुई। बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई वाली समिति ने राडिया से टेप की गई उनकी बातचीत के संबंध में सवाल पूछे। सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इस दौरान नीरा ने कहा कि उन्हें शक है कि उनकी बातचीत वाले टेप से छेड़छाड़ की गई है। जबकि रतन टाटा ने कबूल किया कि टेप में उनकी ही आवाज है।



पीएसी के सदस्य ने कहा, 'नीरा ने हमें बताया कि कुछ टेप असली हैं, जब कुछ के साथ छेड़छाड़ की गई है।' उन्होंने कहा कि नीरा से उस चिट्ठी के बारे में भी पूछा गया जो खबरों के मुताबिक रतन टाटा ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि को लिखी थी और उसमें उनकी तारीफ की थी।



राडिया ने अपने दो वरिष्ठ सहयोगियों-मनोज वारियर और यतीश वहाल के साथ पीएसी के सामने पेश हुईं। पूछताछ करने वाली समति के एक सदस्य ने कहा कि कई सवालों के जवाब में राडिया ने टालमटोल भरे जवाब दिए। सदस्य के मुताबिक राडिया ने कई सवालों के जवाब में कहा, 'मैं नहीं जानती। मुझे याद नहीं है।' पीएसी ने राडिया से करीब दो घंटे तक पूछताछ की।



टेप की गई बातचीत के हवाले से राडिया पर आरोप लगाया गया है कि वे यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रियों के विभाग के बंटवारे को प्रभावित करने की कोशिश कर रही थीं। टेप में कथित तौर पर राडिया की रतन टाटा और पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा के अलावा राजनीति, कॉरपोरेट दुनिया, नौकरशाहों और पत्रकारों के साथ बातचीत है। 2 जी घोटाले में सीएजी ने सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है।



वहीं, रतन टाटा दोपहर 3 बजे के बाद लोकलेखा समिति के सामने पेश हुए। ऐसा माना जा रहा है कि रतन टाटा से समिति ने यह पूछा है कि जब टाटा टेलीसर्विसेज सीडीएमए तकनीक के बाज़ार के अहम खिलाड़ी थी, तब उन्हें जीएसएम मोबाइल सेवाओं में इतनी दिलचस्पी क्यों थी? इसके अलावा पीएसी ने उनसे एक सवाल के तहत पूछा कि क्या टाटा समूह अपने हित की खबरें छापने के लिए पत्रकारों से लेनदेन भी करता है? रतन टाटा ने सभी सवालों के जवाब खुलकर दिये और स्वीकार किया कि जिन टेपों की बात हो रही है, उनमें आवाज उन्हीं की है।



पीएसी ने रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी, एटीसलाट डीबी टेलीकॉम सीईओ अतुल जंब, एस-टेल सीईओ शामिक दास और यूनीटेक वायरलेस के एमडी सिव ब्रेक को मंगलवार को समिति के सामने पेश होने को कहा है।

Saturday, April 2, 2011

बॉलीवुड सितारों के चमचों को नहीं मिलेगी वानखेड़े में इंट्री


2 अप्रैल को मुंबई में होने जा रहे इंडिया-श्रीलंका के बीच क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल में कई बॉलीवुड हस्तियां शिरकत करने जा रही हैं

इस मैच का लुफ्त उठाने के लिए आमिर खान,शाहरुख़ खान,सलमान खान,बच्चन परिवार,बॉलीवुड की अन्य बड़ी हस्तियां और साथ ही बड़े कॉरपोरेट्स स्टेडियम पहुंचेंगे




ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती है कि इसमें कहीं से भी चूक न हो
इन बड़ी हस्तियों के साथ उनके निजी सुरक्षा कर्मी और कई आगे पीछे घूमने वाले कई चमचे भी साथ रहते हैं
मुंबई पुलिस और सुरक्षा एजेंसी इन लोगों को स्टेडियम में न घुसने देने का मन बना रही हैं




आतंकी हमले के मद्देनजर बगैर टिकिट और पहचान पत्र के बिना किसी को भी स्टेडियम में घुसने नहीं दिया जायेगा
वीवीआईपी हस्तियों के साथ आने वाले निजी गार्ड्स और बाउंसर्स को भी स्टेडियम में जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी
सिर्फ जेड प्लस सुरक्षा वाली वीवीआईपी हस्तियों को ही ऐसा करने की इजाजत मिलेगी
एक बहुत बड़ी सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्र ने कहा कि ताजा ख़बरों के मुताबिक आतंकी हमले होने की आशंका होने के मद्देनजर सेलिब्रिटीज को अपने निजी सुरक्षा गार्ड्स को स्टेडियम में साथ ले जाने कि अनुमति नहीं दी जाएगी




सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियां को इस बात का अंदेशा पहले से ही कि आतंकी मैच में बाधा डालने के लिए मास्टर प्लान तैयार करे बैठे हैं
ऐसे में उन्होंने इससे निपटने के लिए एक सेल का गठन किया गया है जिसमें एक अलार्मिंग सिस्टम भी होगा
और बगैर पहचान पत्र दिखाए बिना अंदर जाने वाले के घुसते ही बज उठेगा
मुंबई पुलिस चीफ अरूप पटनायक ने भी यह बात साफ़ कर दी है कि चाहे कोई भी हो बिना टिकिट और पहचान पत्र के उसे स्टेडियम में घुसने नहीं दिया जाएगा


इन 6 कारणों से आज टीम इंडिया बन सकती है विश्‍व विजेता

इन 6 कारणों से आज टीम इंडिया बन सकती है विश्‍व विजेता


ई दिल्‍ली. क्रिकेट के सबसे बड़े मुकाबले का कौन होगा विजेता ? भारत या श्रीलंका ? इसका जवाब आज रात मिल जाएगा, लेकिन संकेतों के आधार पर कहें तो ताज भारत के सिर ही सजेगा। इन 6 कारणों से आज वानखेड़े स्‍टेडियम में धोनी की सेना कर सकती है लंका फतह।



1. वानखेड़े का रिकॉर्ड भारत के पक्ष में

वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए एक दिवसीय मैचों में भारत का रिकॉर्ड बढ़िया है। यहां भारत ने 14 मैच खेले और 8 जीते हैं। यहां भारत और श्रीलंका का दो बार मुकाबला हुआ है। दोनों ने एक-एक बार जीत हासिल की है। भारत ने श्रीलंका को 17 जनवरी 1987 में हराया था, लेकिन 17 मई 1997 में भारत को हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह श्रीलंका को 1993 में वेस्ट इंडीज ने यहां हराया था, जबकि उन्होंने इस विश्व कप में न्यूजीलैंड को यहां हराया है।



2. श्रीलंका के खिलाफ सफल रहे हैं धोनी



महेंद्र सिंह धोनी की श्रीलंका के खिलाफ 31 अक्टूबर 2005 को जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में खेली गई पारी सभी को याद है, जब उन्होंने श्रीलंका को धो दिया था। उन्होंने केवल 145 गेंदों पर 183 रन बनाए। धोनी को 2008 में भारतीय क्रिकेट टीम के श्रीलंका दौरे के समय मैन ऑफ द सीरीज का एवार्ड भी मिला था। इसमें उन्होंने 5 मैचों में कुल 193 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने 3 कैच लिए और 1 स्टंपिंग भी की। धोनी को तीन बार श्रीलंका के खिलाफ मैन ऑफ द मैच के खिताब भी मिले हैं।



इसके मुकाबले श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा का भारत के खिलाफ रिकॉर्ड औसत ही है। भारत के खिलाफ कभी भी उन्हें मैन ऑफ द सीरीज का खिताब नहीं मिला। भारत के खिलाफ वे केवल दो बार मैन ऑफ द मैच बने हैं।



संगकारा पर भारी धोनी की कप्‍तानी

प्रदर्शन और अनुभव के लिहाज से एक दिवसीय मैचों में कप्तान के रूप में महेंद्र सिंह धोनी संगकारा पर भारी हैं। उन्होंने कुल 93 एक दिवसीय मैचों में कप्तानी की है, जिसमें 52 में भारत जीता है और 34 में हार का सामना करना पड़ा है। धोनी की सफलता का प्रतिशत 59.67 फीसदी रहा।



संगकारा का सफलता का प्रतिशत 58 फीसदी है। उन्होंने 36 मैच खेले हैं, जिसमें 21 जीते हैं और 12 हारे हैं। 3 बिना किसी निर्णय के समाप्त हुए हैं।



3. मददगार पिच



भारतीय टीम की बल्लेबाजी काफी मजबूत है औऱ यह पिच बल्लेबाजों को मदद करेगा। खासतौर पर पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को इसका लाभ मिलेगा। लेकिन दूसरी पारी में यह हल्का टर्न लेगी। भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह, युवराज सिंह आदि भी इस पिच पर सफल रह सकते हैं। मध्यम तेज गेंदबाजों के लिए पिच में ज्यादा उछाल नहीं है। केवल पहले के कुछ ओवरों में वे इसका लाभ ले सकते हैं।



4. घरेलू मैदान का लाभ



सचिन तेंडुलकर भारत को विश्व कप दिलाने के अपने सपने से केवल एक कदम की दूरी पर हैं। पूरी उम्मीद है कि अपने होम पिच पर वे निश्चित ही कमाल दिखाएंगे। वीरेंद्र सहवाग से भी हमेशा की तरह धमाकेदार शुरुआत की उम्मीद है। गौतम गंभीर फिट हैं, विराट कोहली और सुरेश रैना भी लय में हैं। इस विश्व कप में जहीर खान ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया है और उनमें निरंतरता है। भारतीय खिलाडि़यों को घरेलू पिच पर खेलने का फायदा निश्चित मिलेगा।



5. सितारे भारत के पक्ष में



सितारे कह रहे हैं कि शनिवार को टीम इंडिया ही विश्व चैंपियन का ताज पहनेगी। मैच धनिष्ठा नक्षत्र में शुरू होगा जिसके स्वामी शनि हैं। इस दौरान महादशा में भी शनि में शनि का अंतर रहेगा। उज्‍जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक इस पूरी सीरीज में शनि भारत के पक्ष में रहा है। शनि की साढ़ेसाती में धोनी ने फाइनल तक का रास्ता तय किया है। यह शनि ही उनको विश्व विजेता बनाएगा।



संगकारा की कुंडली में चंद्र की महादशा में बुध का अंतर चल रहा है। चंद्र एवं बुध परस्पर शत्रु हैं यह उनके लिए नकारात्मक साबित हो सकता है। मैच के दौरान पांच ग्रहों की शनि पर सीधी दृष्टि होगी, जो कन्या राशि में वक्री होकर स्थित है। इससे भी भारत को बल मिलेगा। कप्तान धोनी को भी शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या चल रहा जो विशेष प्रतिष्ठा तथा नाम देकर जाएगा। साथ ही उन्हें राहु की महादशा भी है, जिसका तोड़ श्रीलंका के पास नही है।



श्रीलंका के कप्तान संगकारा की राशि मेष है तथा चंद्रमा उनकी राशि से बारहवां होने से उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। मैच की शुरुआत के समय कर्क लग्‍न होगी जो भारत का पलड़ा भारी बनाती है। कर्क जो वर्तमान भारत के जन्म के समय की राशि है उस पर स्वराशिगत गुरु की पूर्ण दृष्टि है, जो उसके लिए भाग्यशाली होने के साथ ही विजेता का ताज पहनाने के लिए पर्याप्त है।



6. टीम इंडिया के साथ 60 गुना ज्‍यादा लोगों की दुआएं

बाकी देशों के प्रशंसकों की बात छोड़ भी दें तो टीम इंडिया के साथ अपने देश के सवा अरब लोगों की दुआएं हैं, जबकि श्रीलंकाई टीम के साथ मात्र 2 करोड़ लोगों की दुआएं (2009 में जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक श्रीलंका की आबादी 20,238,000) हैं।



आपकी राय



क्‍या आपको लगता है कि धोनी की सेना में लंका फतह करने का दम है? अगर हां तो क्‍यों और नहीं तो क्‍यों? बताएं। आप टीम इंडिया को अपनी शुभकामना भी दीजिए...

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